बहोत धन्यवाद हिंदू देस वासियो आप ने धमाकेदार पटाखोंकी जगह लुभावदार रोशनाइ कि और बिना धमाके के पटाखा हि इसबार फोडे. तुम्हारे हिंदू होने का गर्व ऐसे देसके अंदर हि धमाके करनेसे या कुंभ मेले मे जो नंगे नाच चलते है वोह करनेसे जितना प्रतीत नही हुवा करता है, उससे ज्यादा आप जब कुछ मानवियता और समझदारी दिखाते हो तब हमे होता है. कहा अलग है हम. फरक इतनाही कि तुम्हे सहारा रेगीस्तानसे तालुक रखने वाले मझहबोनसे दुष्मनी करने को बाध्य करने वाले तुम्हारे बापलोग बम्मन, खुद उसी रेगीस्तानकेहि नही तो, जीन मोहेमेडंनोंसे वोह तुम्हारी दुष्मनी अखंड रखना चाहते है, उन मोहेमेडंनोंके पैगंबर मोहम्मद के खून के वोह खुद रीश्तेदार भी है, यह बात वोह तुमसे छीपा रहे है और हम जान चुके है! वैसे हि नीतीमत्ता का अमानवी रूप ही आदर्श होता है ऐसे दिखा देनेवाले, कभी देढ फुटीया तो कभी बंदर, मछली और सुव्वर तक के रूप धारण करनेवाले, हिंदू धर्मके सारे मिथ्या काल्पनिक देवोंमे एक हि वास्तविक अस्तित्व साबित और इसी भारत कि मिट्टी मे जनमे, देव समान एकमेव भारतीय व्यक्तिमत्व, भगवान बुद्ध को भी उन्होंने तुम्हारे परम पूज्यनीय राम, कृष्णा और आदिवासी रूप के काले भोले लेकीन महा पराक्रमी ऐसे शंकर को पराभूत करनेवाले महा अतरंगी बम्मन परशुराम, जैसे वीर जिस शक्तिशाली विष्णू के अवतार है, उसी विष्णू के ९ वे अवतार बनाके भी वह बात तुमसे छुपाकर रखी है, यह बात भी हम जान भी गये है और मान भी.देखो आगजनी या अनहोनीओंकी हमे आदत हो चुकी है. धमाकोंकी तो हमारे बच्चोंको पेटमे भी आदत है. हमे द्या आती है तुम्हारे वोह २२ सालोन्के नवजवानोंकी जो समंदर पे घुमते हुए हुई मामुली आवाज से भी दिल का दौरा पडके उपरका रास्ता पकड लेते है. तुम लोगोंके दिल भी साली कुत्ती चीज है. दलीतोंकी झुग्गी झोपडीया उनके सहित जलानेमे वोह कभी पसीना या आंसू बहाते नही दिखी. लेकीन अकाल से जरा सी धन या धान कि कमी होती है तो सीधे आत्म हत्या पर हि उतर आते है. मरने दो ऐसे विकृत कमजोरोन्को.जैसे तुम्हे तुम जलाये द्लीतोंके लिये आंसू नही बहाते देखा, वैसे तुम्हारे विकृत कमजोरोंके आत्महत्याओंका हम कोई शोक नही करेंगे. पगलोनको साथ देनेसे पगलोन्की संख्या बढती है. जो बम्मन चाहते है. वोह तुम्हारे तक हि सीमित रहे. मै शरीर के बिना दरवाजे वाले और अनियंत्रित ऐसे केवळ दोहि छिद्र याने कानोंका महत्व पहले भी इसी मंच पर कह चूका हुं. देख रहे हो ना बोर्डर पे हो रहे धमाके कैसे मोदि और अमित शह कि बिपी बढा रहे है. बोर्डर तो बोर्डर पर एमपी मे घर के अंदर भी वोही हो रहा है.साले बीजेपी के बंदर! यह सब पत्र प्रपंच तुम्हारे धमाके वाले पटाखे ना फोडनेकी दिखा समझदारी कि तारीफ करने के लीए. उम्मीद है कुछ और भी समझने कि समझदारी आगे भी दिखावोंगे. तुम्हारे आगे बढनेके लीए बहोत मेहनत से बनाइ छबी पेश तो करू! नमो बुद्धाय ! जय शिव राय ! जय भीमराय !
Comments
Post a Comment