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Email to Obama


This is the email sent to USA president on 29/1/2009 to Obama, when he was to swear as president. Its Hindi form is also given for common Indians. Congratulate Barrack Obama for being elected as first president from black and enslaved community.If outcast ed community i.e.Dalits of India were chosen as slave by those Americans,in those days,instead of Negroids from African continent,there was definitely a chance of one of those Dalits to become president in that Democratic society of America.A-Las,it was the destiny of those Indian out casters,who were not chosen as slave by those white people(Aryans?) hardly 200 years ago,to remain in slavery and suffer smashing crashing and harassing treatment since last about 5000 year to till now,in some or other ways.Congratulating Barrack,I would also like to salute humanity of those democracy loving people,who elected Barrack Obama as their president, truly believing in equality. I would like to request them that same way they should give chance to become premier,to a Aborigine(Negroid race?) in Australia,to Maoris(Mongoloid?) in New Zealand and most importantly, to most oppressed Red Indians(again Mongoloids?) in most powerful America itself.I can hope only that Indians may take lesson from present situation to unite from root depth.@@@@@@@@@@@@@@यह Gmail दिनांक २९ जानेवारी २००९ मे अमरीकी अध्यक्ष बराक ओबामा को भेजी थी. उसमे लिखा है की बम्मन और उनके बनाए ह्मारेमेसे उच्च वर्णीय अगर जातीभेद के तहत, हमे हमारे भारत मे ही गत ५००० सालोंसे सर्वथा मुफ्त के गुलाम बनाने और अमानवीय क्रूरता से छलने के बजाय अगर निग्रों लोगोंके जैसे भारत के बाहर बेच देते, तो शायद निग्रों जैसे केवल २०० सलोंमे उस उदार मतवादी और शेष भारतियोंसे लाखो गुना ज्यादा मानवतावादी अंग्रेज और अरबोंकी द्नियामे केवल मुक्त हि नही तो उनके राष्ट्राध्यक्ष और सुलतान बने दिखे है और उनके आफ्रिका खंड मे भी हर जगह राष्ट्र प्रमुख दिख रहे है, उसी तरह हमारी भी मुफ्त कि और अमानवी गुलामी भी केवल २०० सालोनमेही खतम हो जाती थी. शायद बाबासाहेब जैसे अप्रतिम प्रतिभा वाले महामानव को अन्ग्रेजोन्ने शिक्षा का अधिकार हमे बहाल करने के बाद चंद सालोन्मे पैदा कर सकने वाले हमे अंग्रेज और अरब निग्रोंसे भी कमी सालोन्मे मुक्तताकी जिंदगी और बराक ओबामा जैसे निग्रो के पाह्लेही उनके मुखिया बनाते थे. फिर क्या हमे भारतमे भी बम्मन और उनके चाटू लोगोंपे राज करना मुश्कील होता था? जैसे बाहर जाने के बाद शेष भारतीय बेहद शिस्तबद्ध और मानवीय बनते दिखते है वैसे उन्हें यहा भी बनाना आसान हो जाता था. स्वच्छता अभियान चलाके केवल बाहरी गंदगी हि ढकी जा सकती है. जो बम्मन और बनिये करते दिखाई भी देते है. लेकीन हर एक भारतीयोन्के अंदर बसी गंदगी साफ होना उनके स्वार्थ के लीए हि वोह कभी भी निकालना नही चाहेंगे यह काले पत्थर पर लिखी सफेदी जैसा साफ ही. विटंबना यह है कि तमाम भारतीयोन्को चुतीया बनाने मे केवल वोही माहीर है. जाते थे हम हमारी इस भगवान बुद्ध कि धरती छोड कर कही सालोन्के के लीए, कनाडा, अमरिका, ऑस्ट्रेलिया या नुझीलंद जैसे देसोंमे बाहर, जहा हरएक इन्सान के बाटे १००० – १००० मिलकी जमीने आयी है. बसाते थे हम हमारी और एक दुनिया जहा केवल नगरसेवक या मुख्यमंत्री हि नही तो पंतप्रधान और अध्यक्ष भी हमारेही होते थे. साले आते थे फिर यह बनिये और बम्मन वहा उनका पुराना भीख मांगने का धंदा करने और हमारे हि पांव धोते भी नही शर्माते थे उनके ड्रामेबाज स्वभाब अनुरूप.

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